रोहतासगढ़ तीर्थ मेला शुरू, आदिवासी यहाँ की मिट्टी को अपने घरों में रखना सौभाग्य समझते है

फाइल फोटो

रोहतास वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित रोहतासगढ़ 12वां तीर्थ मेला का आज उद्घाटन हो गया. 12वां रोहतासगढ़ तीर्थ मेला का उद्घाटन करते हुए झारखंड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव कहाकि रोहतासगढ़ को हम आदिवासी अपने पुरखों का जन्म स्थल मानते हैं. तीर्थ मेला में उरांव महिलाएं कर्म वृक्ष की पूजा-अर्चना करती हैं. अध्यक्ष ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि इस धरती पर बार आया हूं. यहां की धरती को नमन कर मैं धन्य हुआ. उन्होंने इस किले के संरक्षण की भी बात कही. कार्यक्रम में महरंग उरांव, मुन्ना कुमार, भुपेन्द्र नरायण सिंह, गोविन्द नरायण सिंह, प्रेम पाठक, बजरंगी पासवान, अजय पाठक, महादेव मुण्डा, महेन्द्र कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.

 

शनिवार को रोहतासगढ़ तीर्थ मेला में देश के कई राज्यों से आदिवासी रोहतासगढ़ किला पर पहुंचे. आदिवासी समुदाय के लोगों ने किले में स्थित कर्म वृक्ष की पूजा अर्चना की. वहीं आदिवासी महिलाएं मनारथाप पर झूमती हुई नजर आयीं. आदिवासी गीत लोगों का मन मोह लिया. आदिवासी समुदाय के लोग हर साल इस वृक्ष को अपने देवता मानकर धूमधाम के साथ पूजा कर अपने पूर्वजों को की मिट्टी को माथे से लगा कर अपने आप को गौरवशाली महसूस करते है. साथ ही भारत के विभिन्न भागों के अलावे मारिसस, सुरीनाम आदि देशों में कालापानी सजा के दौरान बस चुके आदिवासी समाज के लोग रोहतास किला की मिट्टी को ले जाकर अपने घरों में रखना अपना सौभाग्य समझते हैं. आदिवासी समुदाय के लोगों को कहना हैं कि, हमारे पूर्वजों उरांव, खरवार, चेरो समेत कई आदिवासी जनजातियों का यह उद्गमस्थल रहा है और यहां पर आकर हम लोगों को अपार शांति और अपनापन महसूस होता है. आदिवासी समुदाय के लोगों ने यह भी बताया कि रोहतास तीर्थ मेला का उद्देश्य यह भी है कि दूरदराज और अलग बसे हुए हमारे भाई-बंधुओं एवं आदिवासी समुदाय के लोग इस मेले को लेकर पहुंचते हैं, जिससे कि हम लोगों को आपस में मिलना-जुलना होता रहता है. दो  दिन चलने वाली इस मेलें में आदिवासी लोग आपस में इतने ज्यादा घुल मिल जाते हैं कि जाते समय आंखों से बरबस आंसू की निकल आती है.

 

वही 12वें तीर्थ महोत्सव में शनिवार की दोपहर शामिल हुए झारखण्ड विधानसभा के स्पीकर दिनेश उराँव ने कहा कि, ‘इस धरती को मै नमन करता हूं. धन्य है यहाँ के लोग जो अपनी संस्कृति को बरकरार रखे है. रोहतासगढ़ किला हमारे पूर्वजों का याद दिलाता है. हमसे झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि स्पीकर महोदय! आप इस वर्ष रोहतास किले पर सम्मेलन में जाईए और मेरे तरफ से भी सभी को सुभकामना दे दीजियेगा.’ दिनेश उराँव ने कहा कि, मैं अपनी तरफ से झारखंड के मुख्यमंत्री जी से किले के विकास पर बातचीत करूँगा. इसके बाद स्पीकर ने करीब 1 घंटे तक लोगो से मिले और कहा कि मैं इस सम्मेलन में आगे भी भाग लूंगा. साथ ही रोहतासगढ़ किला के विकास के लिए आवाज उठाऊंगा.

 

रिपोर्ट- मुकेश पाठक

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